कैदियों को रिहा करे सरकार :सुप्रीम कोर्ट
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10 वर्षों से ज्यादा जेल में बंद कैदियों को सरकार रिहा करें : सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें कि 10 साल से ज्यादा बंद जेल में कैदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है, इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देशित भी किया है कि, जो लंबे समय से सुनवाई ना होने के कारण 10 साल से अधिक जेलों में 7214 कैदी हैं, उन्हें प्रदेश सरकार को मुनासिब कैदियों को अपने स्तर पर रिहा करने को कहा है। हालांकि लंबित आपराधिक अपीलों के मद्देनजर दोषियों को जमानत देने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए दिशानिर्देश बनाने की प्रक्रिया में है।
सुनवाई के दौरान यूपी की एडिशनल एडवोकेट जनरल ( एएजी )गरिमा प्रसाद ने पीठ को बताया कि हाईकोर्ट में करीब 1.83 लाख आपराधिक मामले लंबित हैं । इनमें से 10 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद 7214 कैदियों की अपील पर सुनवाई नहीं हुई है। आपको बता दें कोई कैदी काफी दिन से जेल में बंद है और उसके पास पैसा नहीं है या फिर उसके परिजन उसके पास नहीं आ पा रहे हैं ।
तो उसके लिए पीठ ने आदेश दिया है कि 22 सितंबर से पहले राज्य अपने स्तर पर कैदियों को रिहा करने के लिए कदम उठाए। कैदी को लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
2- बंसल हत्याकांड में मुख्य आरोपी लगभग साढ़े 4 साल बाद चढ़े पुलिस के हत्थे
मुख्य आरोपी के ऊपर था 50000 का इनाम, बंसल ने मुख्य आरोपी आलोक सिन्हा को भिजवाया था जेल इसी के चलते खुन्नस खाये आलोक सिन्हा ने डॉक्टर बंसल को सुपारी देकर शूटरों से करा दी थी हत्या।
मिली जानकारी के अनुसार प्रयागराज एसटीएफ ने डॉक्टर बंसल हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया । आपको बता दें कि मुख्य आरोपी आलोक के ऊपर 50000 का इनाम था । और वह हत्या के बाद से ही फरार चल रहा था मामले की वजह डॉक्टर बंसल ने बेटे के एडमिशन विवाद में आलोक को जेल भिजवा दिया था।
इसे से खुन्नस खाए आलोक सिन्हा ने हत्या के लिए शूटरों को 70 लाख की सुपारी दी थी, पुलिस ने कुछ महीने पहले एक सूटर को पकड़ कर मामले का खुलासा किया था, जिसके बाद से पुलिस आलोक को खोज रही थी मामला पूरा रामबाग स्थित जीवन ज्योति नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉ ए के बंसल की है जहां पर 12 जनवरी 2017 को उनके ही चेंबर में घुसकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी ।
आपको बता दें कि यस टी यफ ने मामले का खुलासा करते हुए शूटर शोएब को गिरफ्तार कर लिया था । इसके बाद अन्य आरोपियों के साथ आलोक सिन्हा को भी नामजद करके उसकी तलाश में जुट गई थी, काफी मशक्कत के बाद भी जब आलोक सिन्हा पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा तो शासन ने आलोक पर ₹50000 का इनाम भी घोषित किया था, जिसके डिप्टी एसपी नवेन्दु सिंह ने बताया की बुधवार की पुलिस की टीम ने कीडगंज स्थित परेड ग्राउंड से आलोक सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया, उसे तब गिरफ्तार किया गया जब वह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से किसी से मिलने के लिए आया हुआ था।
3- व्यापारियों के खिलाफ पुलिस नहीं कर पाएगी मनमानी
प्रयागराज अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आश्वासन दिया है कि व्यापारियों से जुड़े मामले में पुलिस मनमाने तरीके से कार्रवाई नहीं करेगी । राज्य सरकार जल्द ही इस मामले में गाइडलाइन जारी करेगी अवस्थी बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर अदालत में उपस्थित हुए थे, कोर्ट ने मंगलवार को जारी एक आदेश में अपर मुख्य सचिव गृह के अलावा एसपी जालौन रवि कुमार और नंदी गांव थाना जालौन के सब इंस्पेक्टर केदार सिंह को तलब किया था।
कोर्ट का कहना है कि यह लगातार देखने को मिल रहा है कि पुलिस व्यापारियों के खिलाफ मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रही है और धोखाधड़ी की धारा 420 के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं । जालौन के व्यापारी विशाल गुप्ता की याचिका पर न्यायमूर्ती पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई की । याची के खिलाफ 20 फरवरी को नंदी गांव थाने में धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज किया गया था जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
Newsindia80 Team