सूचना विभाग के निजी सचिव के घर लाखों की चोरी
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कुंडा प्रतापगढ़। सूचना विभाग के निजी सचिव के बंद पड़े खाली घर में बदमाशों ने मनमानी चोरी कर नकदी समेत लाखों का सामान पार कर दिया। सूचना पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ तहरीर दी गई है। कुंडा कोतवाली क्षेत्र के रैयापुर निवासी सीताराम पुत्र माता प्रसाद सूचना निदेशालय लखनऊ में निजी सचिव के पद पर कार्यरत हैं। जहां वह परिवार समेत लखनऊ में रहते हैं। गांव में उनके घर में ताला लगा हुआ है।
यह देखकर बदमाशों ने बुधवार की रात मनमानी ढंग से चोरी करके लाखों का सामान लूट ले जाने में सफल रहे। गृह स्वामी सीताराम के भाई ने सूचना देकर घटना से अवगत कराया। उन्होंने उच्च अधिकारियों को घटना से अवगत कराते हुए तहरीर दी है। इस संबंध में कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी हुई है, लेकिन अभी तक मुझे कोई तहरीर नहीं मिली है।
तहरीर मिलने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। टेलिफोनिक वार्ता के क्रम में राष्ट्रीय सहारा प्रतिनिधि को गृह स्वामी सीताराम ने बताया कि लगभग डेढ़ लाख रुपए नकद व जेवरात की चोरी हुई है। चोरी गए सामानों की पूरी जानकारी घर पहुंचने पर ही मिल पाएगी। गुरुवार सायंकाल तक लखनऊ से कुंडा कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी जाएगी।
कुंडा क्षेत्र में अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। आए दिन कोई न कोई घटनाएं लगातार हो रही हैं। अपराध नियंत्रण न होने पर 2 दिन पूर्व तत्कालीन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक उदयवीर सिंह को एसपी सतपाल अंतिल ने लाइन हाजिर किया था। लेकिन कुंडा पुलिस अपराधियों में अपना भय व डर नहीं पैदा कर पा रही है। जिसके कारण अपराधी निरंकुश हो गए हैं। देखना है शासन से जुड़े हुए व्यक्ति के घर में हुई चोरी पर पुलिस क्या रुख अख्तियार करती है। चोरी का पर्दाफाश होता है या फिर अन्य घटनाओं की तरह सामान्य घटना मानकर घटना की इतिश्री कर दी जाएगी।
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बाबागंज ब्लाक का मामला
कुंडा प्रतापगढ़। ब्लॉक बाबागंज में एक ऐसी विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। जहां भ्रष्टाचार व अपराधिक मामले के आरोपी सेवानिवृत्त एडीओ पंचायत को मुकदमे के वादी बीडीओ ने सेवानिवृत्त होते ही अदेय प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया है। इस घटना से ब्लाक के कर्मचारी असहज हो गए हैं, कि दोहरा चरित्र निभाने वाले खंड विकास अधिकारी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहते हैं या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाहते हैं।
विकासखंड बाबागंज की ग्राम पंचायत झींगुर में मनरेगा के धन में भ्रष्टाचार का खुल्लम खुल्ला खेल खेला गया। जहां जॉब कार्डों में एक नई कई बार बिना काम कराए ही श्रमिकों के खाते में मजदूरी की धनराशि भेजी गई थी। शिकायत की जांच सही होने पर खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार प्रजापति ने तत्कालीन एडीओ पंचायत राजेश सिंह समेत 3 ग्राम पंचायत सचिव, तीन तकनीकी सहायक, तत्कालीन पूर्व प्रधान समेत 8 लोगों के खिलाफ धारा 419 420 409 आईपीसी की अन्य कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
रिकवरी की नोटिस भी दी गई थी। मामले की विवेचना पुलिस द्वारा की जा रही है। इसी दौरान 30 जून को एडीओ पंचायत राजेश सिंह सेवानिवृत्त हो गए। जबकि अभी आरोप से मुक्त नहीं हुए हैं, इसके बावजूद भी खंड विकास अधिकारी ने एडीओ पंचायत को अद्वैता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। मुकदमे में अगर एडीओ पंचायत दोषी पाए गए तो आर्थिक रिकवरी कैसे होगी। इससे ब्लॉक में एक हास्यास्पद स्थिति बन गई है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार से जानकारी ली गई उन्होंने बताया कि एडीओ पंचायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, लेकिन फैसला न्यायालय को करना है कि वह दोषी है या नहीं है। सेवानिवृत्ति के बाद अदेय प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।