pratapgarh-news/ Woman hanged in suspicious condition
संदिग्ध दशा में युवती ने लगाई फांसी
पट्टी/प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील स्थित नेवादा गांव में बीती रात को एक विवाहिता ने संदिग्ध दशा में कच्चे मकान में फांसी पर लटक कर जान दे दी । फिलहाल अभी तक फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
नेवादा निवासी लालजी के बड़े बेटे का नाम अंकित पटेल जो कि सरदार सेना में आईटी सेल अध्यक्ष हैं, उनकी शादी रानीपुर निवासी पारसनाथ की लड़की सीमा पटेल 27 साल की शादी लगभग 5 साल पहले हुई थी।
घर वालों ने बताया कि बीती शाम को खाना पीना खाकर बच्चे को लेकर सोने चली गई सुबह जब काफी देर तक वह नहीं उठी तो परिजन घर के अंदर जाकर देखते हैं तो वह घर के अंदर ही फांसी पर लटकते हुए मृत अवस्था में पड़ी थी घटना की सूचना पर पट्टी कोतवाल मय फोर्स वहां पर पहुंच गए और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
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घटना की खबर होते ही मायके वाले रोते बिलखते हुए लड़की की ससुराल पहुंचे। मायके वाले फिलहाल अभी तक किसी के ऊपर आरोप नहीं लगा रहे हैं दोनों पक्ष के लोग लोगों की मौजूदगी में पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पति का रो रोकर हुवा बुरा हाल
युवती के पति अंकित पटेल सरदार सेना आईटी सेल अध्यक्ष प्रतापगढ़ हैं जो कि एक सामाजिक सेवा में हर समय लिप्त रहते हैं ।उनका अपनी पत्नी से कोई विवाद भी नहीं था वह किसी निजी कंपनी में परिवार के भरण-पोषण के लिए सूरत गया था फोन से सूचना मिलने पर उनका रो रो कर बुरा हाल है सूचना के मुताबिक युवती के मायके में पांच भाई-बहन के बीच सीमा चौथे नंबर पर थी मायके वालों का कहना है, कि वह फिलहाल बहुत सुलझी हुई लड़की थी कभी किसी से बाद में बात नहीं करती थी लेकिन पता नहीं क्यों उसने ऐसा कर लिया है सीमा की ससुराल में सीमा सबसे बड़ी थी उसके दो छोटे देवर है। जिसे बात विवाद भी नहीं होती थी। फिलहाल अभी तक फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
आर्यन के सिर से उठ गया मां का साया
आर्यन जो कि 3 साल का छोटा बच्चा है लोगों को रोते बिलखते देखकर वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर यह हो क्या रहा है मम्मी बोल क्यों नहीं रही है एक बच्चे के लिए उसकी मा ही सब कुछ होती है वह कभी मां के पास तो कभी दादी के पास रो-रो कर भाग रहा था उसके सिर से मां का साया हट जाने से शायद वह बहुत लाचार सा हो गया था वही लोगों की निगाहें जब बच्चे बच्चे पर पड़ती तो लोगों की आंखें बरबस ही बरस पड़ती।
प्रदीप मिश्रा