Wednesday, February 12, 2025
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जिला स्वास्थ्य समिति की जिलाधिकारी ने समीक्षा की

जिला स्वास्थ्य समिति की जिलाधिकारी ने समीक्षा की

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एनआरसी वार्ड में भर्ती होने वाले अतिकुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल की जाये-जिलाधिकारी ——–स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को अवश्य दिया जाये-जिलाधिकारी —–

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कल सायंकाल कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक सम्पन्न हुई। एन0आर0सी0 वार्ड की समीक्षा करते हुये महिला चिकित्सालय की सीएमएस ने बताया कि एन0आर0सी0 वार्ड में बच्चों की देखभाल हेतु बाल रोग विशेषज्ञ की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि एन0आर0सी0 वार्ड हेतु पृथक से एक बाल रोग विशेषज्ञ संविदा पर तैनात करें ताकि एन0आर0सी0 वार्ड में भर्ती होने वाले अतिकुपोषित बच्चों की बेहतर देखभाल की जा सके। उन्होने सीएमएस को निर्देश दिया कि एन0आर0सी0 वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जाये और यह सुनिश्चित करें कि भर्ती होने वाले बच्चे मानक के अनुसार 15 दिवस तक वहां रहकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करें।

टीवी नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा करते समय प्रभारी डिप्टी सीएमओ डा0 सीपी शर्मा द्वारा बताया गया कि अब तक कुल 1995 मरीज चिन्हित किये गये है जिसमें अप्रैल माह में 341 मरीज चिन्हित किये गये है। उन्होने बताया कि टीवी मरीजों को शासन के निर्देशानुसार अधिकारी एवं समाज के सम्भ्रान्त लोगों द्वारा गोद लिया गया है। जिलाधिकारी ने जानना चाहा कि टीवी मरीजों को नियमित दवायें उपलब्ध करायी जा रही है तथा अब तक कुल कितने मरीज बीच में ही दवा नही ले रहे है इस तरह का कोई आकड़ा डा0 सीपी शर्मा प्रस्तुत नही कर सके जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिया कि अब तक टीवी नियंत्रण हेतु फील्ड कर्मचारियों की कितनी बार समीक्षा की गयी है और उस समीक्षा बैठक का कार्यवृत्ति उपलब्ध करायें तथा टीवी नियंत्रण कार्यक्रम की अलग से बैठक कराने का निर्देश दिया। आयुष्मान भारत की समीक्षा के समय डा0 सुधाकर सिंह द्वारा बताया गया कि इस योजना के अन्तर्गत जनपद के 2 लाख 98 हजार 320 लाभार्थियों को कार्ड निर्गत किये गये है।

अन्त्योदय कार्डधारकों के 34690 गोल्डेन कार्ड बनाये गये है। जिलाधिकारी ने अवशेष बचे हुये लाभार्थियांं का अभियान चलाकर गोल्डेन कार्ड निर्गत करने का निर्देश दिया तथा आयुष्मान कार्ड धारकों को निःशुल्क ईलाज की भी समीक्षा करने का सीएमओ को निर्देश दिया। इसी तरह मातृत्व वन्दना योजना की समीक्षा करते हुये बताया गया कि बाबागंज, बिहार, सण्ड़वा चन्द्रिका में 450 से अधिक लाभार्थी के आवेदन त्रुटिपूर्ण पाये गये, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और प्रभारी चिकित्साधिकारी को सचेत किया गया कि अपने स्तर से इसकी समीक्षा कर आवेदन पत्र को ठीक करायें तथा इस योजना के चिन्हित लाभार्थियों को समय से अनुमन्य धनराशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि 02 मई से 31 मई तक ‘‘एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर अभियान’’ चलाया जाना है, इस अभियान के अन्तर्गत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आयरन, एलबेण्डाजोल एवं फोलिकएसिड की दवायें वितरित की जायेंगी जिसका उद्देश्य गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल करना है।

जिलाधिकारी द्वारा कोविड टीकाकरण एवं नियमित टीकाकरण की समीक्षा की गयी जिसके अन्तर्गत मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि 15 से 17 आयु वर्ग एवं 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चांं का टीकाकरण निर्धारित मानक से कम है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा ब्लाकवार प्रधानाचार्यो की बैठक निर्धारित की गयी है जिसमें सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने नियमित टीकाकरण को प्रभावी बनाने के लिये जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने के पूर्व बच्चों का टीकाकरण का कार्ड जरूर देखा जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से अपेक्षा करते हुये कहा कि किसी एक न्याय पंचायत का सैम्पल सर्वे पूर्ण कराया जाये जिसमें स्वास्थ्य विभाग, ग्राम्य विकास एवं बाल विकास के कर्मचारियों को लगाकर घर-घर सर्वे कराया जाये जिसमें टीकाकरण, संस्थागत प्रसव एवं धात्री गर्भवती महिलाओं को प्राप्त होने वाली सुविधायें तथा स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त होने वाली सुविधाओं का पता चल सके और सर्वे के आधार पर स्वास्थ्य विभाग बेहतर रणनीति बना सके।

जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा की तथा मैटरनिटी आडिट के सम्बन्ध में सीएमएस से जानकारी प्राप्त की। सीएमएस द्वारा समुचित जानकारी न दिये जाने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शासन के निर्देशानुसार मैटरनिटी आडिट कराये जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पृथक से बैठक करायी जाये। जिलाधिकारी ने सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पैथालॉजी की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से जानना चाहा कि सीएचसी एवं पीएचसी पर की जा रही जांच की गुणवत्ता हेतु कोई नियंत्रण की व्यवस्था जनपद स्तर पर की गयी है, जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी सीएचसी एवं पीएचसी में हो रही जांचों का सैम्पल के तौर पर जिला चिकित्सालय में स्थापित पैथालॉजी से उसका वैलीडेशन कराया जाये।

अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें एवं रख-रखाव हेतु संविदा पर कार्यरत क्वालिटी मैनेजर से जिलाधिकारी ने अस्पताल की पैथालॉजी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की, सन्तोषजनक जानकारी न दिये जाने पर जिलाधिकारी नाराजगी व्यक्त की और मुख्य चिकित्साधिकारी से इनकी संविदा के सम्बन्ध में पूछा, जिलाधिकारी ने क्वालिटी मैनेजर से पिछले माह किये गये भ्रमण और उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने क्वालिटी मैनेजर कारण बताओ नोटिस निर्गत करने का भी निर्देश दिया। अन्त में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को अवश्य दिया जाये इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नही होगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वदानन्द, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, प्रभारी चिकित्साधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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