गुफरान का आतंक और अंत,तांत्रिक की हत्या से की शुरुआत
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तांत्रिक की हत्या से गुफरान ने रखा था जरायम की दुनिया मे कदम, फतनपुर में दर्ज हुई थी पहली एफआईआर
जल्द घटना का अनावरण करने वाले उमेश सिंह 2019 में थानाध्यक्ष फतनपुर थे इस समय यूपी के बाँदा जिले में तैनाती है
नगर कोतवाली ,अंतू ,सांगीपुर, लीलापुर और फतनपुर थाने में दर्ज है दर्जनों मुकदमा
कौशांबी में मारे गए प्रतापगढ़ के कुख्यात बदमाश गुफरान के खिलाफ जिले के आधा दर्जन थानों में कुल 13 मुकदमें दर्ज है। जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, गैंगस्टर समेत गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस को चकमा देकर यह वर्षों से फरार चल रहा था।
पुलिस के अनुसार कुख्यात और शातिर गुफरान के खिलाफ फतनपुर थाने में 3, रानीगंज थाने में 2, सांगीपुर थाने में 1 लीलापुर थाने में 1,अंतु थाने में 1 और नगर कोतवाली में सबसे अधिक 5 मामले दर्ज है।
1 सितंबर 2019 में फतनपुर थाना क्षेत्र के खड़गराय नई कोट में तांत्रिक लालता शर्मा की हत्या के मामले में गुफरान का पहली बार नाम आया था जिसमें वह अपने साथियों के साथ मिलकर तांत्रिक की हत्या की थी इसका खुलासा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के नेतृत्व में फतनपुर थानाध्यक्ष उमेश सिंह ने दो सफ्ताह के भीतर किया था और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया था की शहर के ही रहने वाले अरसू व शहजाद आलम उर्फ भइया की मदद से ढाई लाख रुपये में लालता शर्मा की हत्या के लिए सुपारी दी गयी थी।
हत्या करने वाले शूटर सरसू पुत्र बरकत, शहजाद आलम उर्फ भइया निवासी नई बस्ती बेगमवार्ड, शहबाज पुत्र मुस्लिम निवासी अहमद नगर, गुफरान पुत्र अज्ञात निवासी विवेक नगर, शादाब उर्फ टूटी पुत्र मोहम्मद खलील निवासी रहमतनगर गायघाट दहिलामऊ, डब्बू उर्फ शादाब पुत्र लल्लू निवासी अलऊ का पुरवा भुलियापुर शामिल थे |
पहली बार हत्या के मामले में नाम आने के बाद गुफरान का यह सिलसिला लगातार आगे बढ़ता रहा और उसके खिलाफ पुलिस ने पिछले 4 सालों में ही हत्या, लूट, हत्या का प्रयास,डकैती,गैंगेस्टर एक्ट समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर लगातार इनाम बढ़ाती गई।
पुलिस के रिकॉर्ड में गुफरान नगर कोतवाली के पूरनपुर पटखान का मूल निवासी था और इसकी तलाश के लिए कई टीमों का गठन भी किया गया था। गुफरान के बचने का सबसे बड़ा कारण था कि वह मोबाइल का उपयोग बहुत ही कम करता था और जब भी किसी से बात करनी होती थी अपने दोस्त के मोबाइल से बात करता था।