SC का ऐतिहासिक फैसला- बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बहू के पक्ष में आज एक ऐतिहासिक फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को पलट दिया है.
गौरतलब है कि तरुण बत्रा मामले में दो जजों की बेंच ने कहा था कि कानून में बेटियां, अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकती हैं. अब तीन सदस्यीय पीठ ने तरुण बत्रा के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि पति की अलग-अलग संपत्ति में ही नहीं, बल्कि साझा घर में भी बेटी का अधिकार है ।
इसके पहले 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने शेयर्ड हाउसहोल्ड की परिभाषा देते हुए कहा था कि पत्नी को सिर्फ अपने पति के ही घर में रहने का अधिकार है लेकिन उस फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को आदेश दिया कि पत्नी अपने सास-ससुर के साथ साथ उन करीबी रिश्तेदारों के साथ भी रहने का हकदार है जिनके घर वह कभी संकट के समय रही हो या कुछ दिन के लिए रुकी हो। घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत ही ऐतिहासिक है, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी सास-ससुर अपनी बहू को घर से नहीं निकाल सकते हैं ससुर की खरीदे हुए घर में रहने के लिए बहू हकदार है।
क्या है मामला ?
दिल्ली की एक पास इलाके में एक महिला ने अपने पति से तलाक होने के बाद मामला गंभीर हुआ तो उसने ससुर और सास के खिलाफ दहेज उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जिससे उसके ससुर ने अपने खरीदे घर से बाहर निकलने का फरमान सुना दिया सुप्रीम कोर्ट में मामला आने पर जजों की बेंच ने यह ऐतिहासिक फैसला बहू के पक्ष में दिया।
NewsIndia80 रिपोर्टर : मनोज यादव की खास रिपोर्ट