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दीपावली पर्व पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियो द्वारा जिले से लिए गए सैंपल
आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उ0प्र0 लखनऊ एवं जिलाधिकारी महोदय, प्रतापगढ़ के आदेश के अनुपालन में दीपावली पर्व पर मिलावटी खाद्य पदार्थो के विक्रय पर प्रभावी रोकथाम हेतु विशेषकर को खाद्य सचल दल द्वारा जनपद प्रतापगढ़ स्थित विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर निम्नलिखित खाद्य पदार्थो का नमूना संग्रहित किया गया-
1. रानीगंज कैथोला बाजार, प्रतापगढ़ स्थित विश्वजीत मलिक की मिठाई की दुकान से छेना मिठाई का एक नमूना संग्रहित किया गया।
2. लालगंज अझारा, प्रतापगढ़ स्थित अमृत भोग स्वीट्स एण्ड रेस्टोरेन्ट (मालिक-भरत सिंह ) से तिरंगा बर्फी का एक नमूना संग्रहित किया गया।
3. तिना सगरा सुन्दरपुर प्रतापगढ़ स्थित श्री सिद्धि विनायक स्वीट्स एण्ड फैमिली रेस्टोरेन्ट (मालिक-साकेन्द्र नाथ मिश्र) से छेना मिठाई का एक नमूना संग्रहित किया गया।
4. सगरा सुन्दरपुर प्रतापगढ़ स्थित राजकुंवर की दुकान से खिलौना मिठाई का एक नमूना संग्रहित किया गया।
5. सगरा सुन्दरपुर प्रतापगढ़ स्थित सूर्यकान्त जायसवाल की दुकान से गुलाब जामुन का एक नमूना संग्रहित किया गया।
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उक्त सभी नमूने विश्लेषण हेतु खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला को प्रेषित किये जा रहे है। विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। खाद्य सचलदल में श्री जनार्दन सिंह, श्री अंजनी कुमार मिश्र एवं श्री बी0एस0 मंगलमूर्ति तथा श्री संजय कुमार तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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मिलावटी मिठाई का पता कैसे करें-
1.मिलावटी खोये की पहचान के लिये खोये की थोड़ी से मात्रा लेकर उस पर आयोडीन टिंचर की दो से तीन बूंद डाले अगर यह काला पड़ जाये तो समझे यह मिलावटी है। शुद्ध खोया में हल्की मिठास होती है तथा रगड़ने पर घी छोडता है जबकि मिलावटी खोये में ऐसा नही होता है।
2.खोये से निर्मित मिठाई को गर्म पानी में घोल कर उसमें टिंचर आयोडीन की दो से तीन बूंद डालने पर अगर मिठाई का रंग परिवर्तित होकर गहरा नीला रंग आता है तो मिठाई मिलावटी है। यदि रंग में कोई परिवर्तन नही आता है तो मिठाई शुद्ध है।
3.मिठाई चख कर भी उसके बासी होने या फिर गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते है।
4.मिठाई पर लगने वाले चांदी वर्क को हाथ से रगड़ने पर यदि उसकी गोली बन जाती है तो वह एलुमिनियम से निर्मित नकली वर्क है, यदि वर्क पूरी तरह पिस जाता है तो वह असली चांदी वर्क है।
बहुत अधिक चटक रंगो वाली मिठाईयों को खरीदने से बचना चाहिये क्योकि वह अखाद्य रंगों से निर्मित हो सकती है।
रामलाल सरोज की रिपोर्ट