pratapgarh-news-more-patients-are-recovering-in-home-isolation-than-in-hospital
अस्पताल से ज्यादा होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं मरीज
कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आए मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अस्पताल से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए । आपको बता दें कि अस्पतालों में इस समय ना तो सही चिकित्सा सुविधाएं ही मिल रही हैं नाही मरीज ठीक हो रहे हैं वहां पर पहुंचने पर वार्डों में अधिक संख्या में कोरोनावायरस मरीज होने से एक दूसरे पर संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है । और मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचकर अपना दम तोड़ देता है ।
आपको बता दे कि 90 फ़ीसदी से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में ठीक होते नजर आ रहे हैं और वह कोरोनावायरस से जंगबजीत रहे हैं ।वह अपनी हिम्मत ना हार कर डॉक्टर से सलाह मानकर दवा तथा सावधानी बरत रहे हैं जिससे कोरोना संक्रमित मरीज बहुत जल्द ही कोरोना से जंग जीत कर ठीक होते नजर आ रहे हैं । यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा बता रहा है आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कहर से हर किसी की आंखें नम है।
ज्यादातर लोग कोरोनावायरस की गिरफ्त में आने पर अपना आपा खो बैठते हैं और हड़बड़ाहट में अपनी जान गवा देते हैं ।और जिससे देश में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है । लोगों को इस कोरोना से घबराना नहीं चाहिए बल्कि डॉक्टर से सलाह लेकर उचित चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करा कर होम आइसोलेशन में हो जाना चाहिए। अप्रैल माह से ही कोरोनावायरस अपना पैर तेजी से पसार रहा है जहां 1 दिन में 100 से भी ज्यादा मरीज मिल रहे थे वही पर इसका प्रकोप अभी कम नहीं होता दिख रहा है जहां तक की 1 दिन में संक्रमित मरीजों के मिलने की संख्या 700 से भी ज्यादा हो गई है ।
और कोरोना से जंग हार कर लोगों की मरने की संख्या भी डेढ़ सौ से ज्यादा हो चुकी है । लेकिन वहीं पर आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास होम आइसोलेशन में मृत होने वाले मरीजों का कोई लेखा-जोखा फिलहाल नहीं है। जिले में अभी भी हर दिन 300 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं अब तक कोरोना संक्रमण शहरों तक ज्यादा सीमित था, लेकिन इसका असर अब गांव में भी ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वह कोरोना से घबराए नहीं और होम आइसोलेशन में अपना समय बिताकर अपना और अपने परिवार का भला करें।
रिपोर्ट – अंकुश यादव